Harsh jain

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आतंकियों के जुल्मों




धर्म निरपेक्ष भारत अच्छा है अब ये कहना बंद करो, 
आतंकियों के जुल्मों को बिल्कुल ही सहना बंद करो, 
सहने की भी हद होती है कब तक जुल्म सहोगे तुम, 
बनकर शिखंडी हिन्दुस्तां मे कब तक यूँ ही रहोगे तुम, 
आज कन्हैया मरा है यारों अगला नंबर किसका है, 
जो भी जरा मूहँ खोलेगा अगला नंबर उसका है, 
अपने देश में बनकर तुमको बस रहना गुंगे बहरे है, 
आखों पर पट्टी है अपनी और सांसों पर पहरे हैं, 
कोई पूछो जाकर हत्यारों से किस खातिर ये खेल रचा, 
कयूँ हत्या करने से पहले था बेमतलब का मेल रचा, 
अभी कितने और कन्हैया को बलिवेदी पर चढ़ना होगा, 
समय आ गया आगे बढ़ कर इन सबसे लड़ना होगा, 
एक जरा सी बात पे जब निर्दोष को मारा जाता हो, 
और बेरहमी से हत्या करके सर को उतारा जाता हो, 
जेहादी पंजों से अपना देश बचाना है हमको,
तोड़ विषैले दंत उसे यमलोक पहुंचाना है हमको, 


             हर्ष जैन सहर्ष

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6 Comments

shweta soni

08-Aug-2022 01:32 PM

Nice 👍

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Ilyana

08-Aug-2022 08:22 AM

Bahut khub

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सटीक, उत्तम, सर्वोत्तम

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